ghazal love letter in hindi/तुम्हारे ख़तमें नया.....
ghazal love letter in hindi/तुम्हारे ख़तमें नया.....
Ghazal love letter
तुम्हारे ख़तमें नया इक सलाम किस का था,
न था रक़ीब तो आख़िर वो नाम किस का था|
वो क़त्ल कर के हर किसी से पूछते हैं,
ये काम किस ने किया है ये काम किस का था|
वफ़ा करेंगे ,निबाहेंगे, बात मानेंगे,
तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था|
रहा न दिल में वो बेदर्द और दर्द रहा,
मुक़ीम कौन हुआ है मुक़ाम किस का था|
न पूछ-ताछ थी किसी की वहाँ न आवभगत,
तुम्हारी बज़्म में कल एहतमाम किस का था|
हमारे ख़त के तो पुर्जे किए पढ़ा भी नहीं,
सुना जो तुम ने बा-दिल वो पयाम किस का था|
इन्हीं सिफ़ात से होता है आदमी मशहूर,
जो लुत्फ़ आप ही करते तो नाम किस का था|
तमाम बज़्म जिसे सुन के रह गई मुश्ताक़,
कहो, वो तज़्किरा-ए-नातमाम किसका था|
गुज़र गया वो ज़माना कहें तो किस से कहें,
ख़याल मेरे दिल को सुबह-ओ-शाम किस का था|
अगर्चे देखने वाले तेरे हज़ारों थे,
तबाह हाल बहुत ज़ेरे-बाम किसका था|
हर इक से कहते हैं क्या 'दाग़' बेवफ़ा निकला,
ये पूछे इन से कोई वो ग़ुलाम किस का था|
#दाग देहलवी साहेब
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