Nasir kazmi ki Ghazal Lyrics/दिल में इक लहर सी उठी है अभी.....
Nasir kazmi ki Ghazal Lyrics/दिल में इक लहर सी उठी है अभी.....
आप सभी ग़ज़ल प्रेमियों के साथ जनाब नासिर काज़मी की ग़ज़ल पेश कर रहा हूँ.....
Nasir kazmi ki Gazal in Hindi Lyrics
दिल में इक लहर सी उठी है अभी!
कोई ताज़ा हवा चली है अभी||
शोर बरपा है ख़ाना-ए-दिल में!
कोई दीवार सी गिरी है अभी||
भरी दुनिया में जी नहीं लगता!
जाने किस चीज़ की कमी है अभी||
तू शरीक-ए-सुख़न नहीं है तो क्या!
हम-सुख़न तेरी ख़ामुशी है अभी||
याद के बे-निशाँ जज़ीरों से!
तेरी आवाज़ आ रही है अभी||
शहर की बे-चराग़ गलियों में!
ज़िंदगी तुझ को ढूँडती है अभी||
सो गए लोग उस हवेली के!
एक खिड़की मगर खुली है अभी||
तुम तो यारो अभी से उठ बैठे!
शहर में रात जागती है अभी||
वक़्त अच्छा भी आएगा 'नासिर'!
ग़म न कर ज़िंदगी पड़ी है अभी||
# जनाब नासिर काज़मी
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