मोहब्बत की ग़ज़ल in Hindi Lyrics/आँखें जो उठाए तो मोहब्बत

मोहब्बत की ग़ज़ल in Hindi Lyrics/आँखें जो उठाए तो मोहब्बत
मोहब्बत की ग़ज़ल in Hindi Lyrics/आँखें जो उठाए तो मोहब्बत
मोहब्बत की ग़ज़ल in Hindi Lyrics/आँखें जो उठाए तो मोहब्बत

खें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो,
नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है||

 अशआर मिरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं,
कुछ शेर फ़क़त उन को सुनाने के लिए हैं||

                      प्रसिद्ध गीतकार और शायर जनाब जावेद अख्तर के  पिता "जनाब जाँ  निसार अख्तर साहेब " एक महत्वपूर्ण उर्दू शायर, गीतकार और कवि थे। वे प्रगतिशील लेखक आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहें| उन्होंने हिंदी फिल्मों में, ऐ दिल-ए-नादान आरज़ू क्या है, जुस्तजू क्या है| आजा रे, आजा रे, ओ मेरे दिलबर आजा दिल की प्यास बुझा जा रे " के लिए भी गाने लिखे | जो बेमिसाल है | आज पेश है उनकी एक ग़ज़ल.....


            मोहब्बत की ग़ज़ल in Hindi Lyrics
                   

"कौन कहता है तुझे मैंने भुला रक्खा है,
तेरी यादों को कलेजे से लगा रक्खा है||

लब पे आहें भी नहीं आँख में आँसू भी नहीं,
दिल ने हर राज़ मुहब्बत का छुपा रक्खा है||

तूने जो दिल के अंधेरे में जलाया था कभी,
वो दिया आज भी सीने में जला रक्खा है||

देख जा आ के महकते हुये ज़ख़्मों की बहार,
मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रक्खा है||

    #जाँ  निसार अख्तर साहेब
                   


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