ग़ज़ल पे ग़ज़ल हिंदी Lyrics /मिले किसी से नज़र.....

ग़ज़ल पे ग़ज़ल हिंदी Lyrics /मिले किसी से नज़र.....

ग़ज़ल पे ग़ज़ल हिंदी Lyrics /मिले किसी से नज़र.....
ग़ज़ल पे ग़ज़ल हिंदी Lyrics /मिले किसी से नज़र.....

आपकी ख़िदमत में जफ़र गोरखपुरी का एक ग़ज़ल पेश करता हूँ जो ग़ज़ल पे ही लिखी गई है :- 

                ग़ज़ल हिंदी ग़ज़ल हिंदी Lyrics 

मिले किसी से नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई, 
रहे न अपनी ख़बर तो समझो ग़ज़ल हुई||

मिला के नज़रों को वालेहाना हया से फिर, 
झुका ले कोई नज़र तो समझो ग़ज़ल हुई||

इधर मचल कर उन्हें पुकारे जुनूं मेरा, 
धड़क उठे दिल उधर तो समझो ग़ज़ल हुई||

उदास बिस्तर की सिलवटें जब तुम्हें चुभे, 
न सो सको रात भर तो समझो ग़ज़ल हुई||

वो बदगुमा हो तो शेर सूझे न शायरी, 
वो मेहरबां हो ‘जफ़र’ तो समझो ग़ज़ल हुई||

         (जफ़र गोरखपुरी )

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