जगजीत सिंह की गजलें दर्द भरी/ये किसका तसव्वुर है ये किसका फ़साना है.....
जगजीत सिंह की गजलें दर्द भरी/ये किसका तसव्वुर है ये किसका फ़साना है.....
जगजीत सिंह की गजलें दर्द भरी
ये किसका तसव्वुर है ये किसका फ़साना है,
जो अश्क है आँखों में तस्बीह का दाना है ||
जो उनपे गुज़रती है किसने उसे जाना है,
अपनी ही मुसीबत है अपना ही फ़साना है ||
आँखों में नमी-सी है चुप-चुप-से वो बैठे हैं,
नाज़ुक-सी निगाहों में नाज़ुक-सा फ़साना है ||
ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना तो समझ लीजे,
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है ||
या वो थे ख़फ़ा हमसे या हम थे ख़फ़ा उनसे,
कल उनका ज़माना था आज अपना ज़माना है||
#जिगर मुरादाबादी

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