Ghazal tanhai in Hindi Lyrics /ये कैसे बताये के वो तनहा.....
Ghazal tanhai in Hindi Lyrics /ये कैसे बताये के वो तनहा.....
Tanhai Ghazal in Hindi Lyrics
कोई ये कैसे बताये के वो तनहा क्यों है!
वो जो अपना था, वही और किसी का क्यों है!
यही दुनिया है तो फिर, ऐसी ये दुनिया क्यों है!
यही होता है तो, आखिर यही होता क्यों है!!
इक ज़रा हाथ बढ़ा दे तो, पकड़ लें दामन!
उस के सीने में समा जाए, हमारी धड़कन!
इतनी कुर्बत है तो फिर फ़ासला इतना क्यों!!
दिल-ए-बरबाद से निकला नहीं अबतक कोई!
इक लुटे घर पे दिया करता है दस्तक कोई!
आस जो टूट गयी फिर से बंधाता क्यों है!!
तुम मसर्रत का कहो या इसे ग़म का रिश्ता!
कहते हैं प्यार का रिश्ता है जनम का रिश्ता!
है जनम का जो ये रिश्ता तो बदलता क्यों है!!
#कैफ़ी आज़मी
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