Ghazal Lyrics in Hindi on life /चलो फिर से अजनबी.....

Ghazal a Lyrics /चलो फिर से अजनबी.....

Ghazal a Lyrics /चलो फिर से अजनबी.....
Ghazal a Lyrics /चलो फिर से अजनबी.....

           Ghazal Lyrics in Hindi on life


चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों..... 

न मैं तुम से कोई उम्मीद रखूँ दिलनवाज़ी की|
न तुम मेरी तरफ़ देखो ग़लत अन्दाज़ नज़रों से||
न मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाए मेरी बातों से|||
न ज़ाहिर हो तुम्हारी कशमकश का राज़ नज़रों से||||

तुम्हें भी कोई उलझन रोकती है पेशक़दमी से|
मुझे भी लोग कहते हैं ये जलवे पराए हैं||
मेरे हमराह भी रुसवाइयाँ हैं मेरे माज़ी की|||
तुम्हारे साथ भी गुज़री हुई रातों के||||

तआर्रुफ़ रोग हो जाये तो उसको भूलना बेहतर|
ताल्लुक बोझ बन जाये तो उसको तोड़ना अच्छा||
वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन|||
उसे इक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा||||

चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों

#साहिर लुधियानवी

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