Sadgazalhindi/गम भरे ग़ज़ल/तुम ये कैसे जुदा हो गए

Sadgazalhindi/गम भरे ग़ज़ल/तुम ये कैसे जुदा हो गए 


Sadgazalhindi/गम भरे ग़ज़ल/तुम ये कैसे जुदा हो गए
Sadgazalhindi/गम भरे ग़ज़ल/तुम ये कैसे जुदा हो गए

कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे, 
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे||

कोई जब पूछ बैठेगा ख़ामोशी का सबब तुम से, 
बहुत समझाना चाहोगे मगर समझा ना पाओगे||

कभी दुनिया मुक्कमल बन के आएगी निगाहों में, 
कभी मेरे कमी दुनिया की हर इक शै में पाओगे||

कहीं पर भी रहें हम तुम मुहब्बत फिर मुहब्बत है, 
तुम्हें हम याद आयेंगे हमें तुम याद आओगे||

#नज़ीर बनारसी

                      तुम ये कैसे जुदा हो गए 



तुम ये कैसे जुदा हो गए, 
हर तरफ़ हर जगह हो गए||

अपना चेहरा न बदला गया, 
आईने से ख़फ़ा हो गए||

जाने वाले गए भी कहाँ, 
चाँद सूरज घटा हो गए||

बेवफ़ा तो न वो थे न हम, 
यूँ हुआ बस जुदा हो गए||

आदमी बनना आसाँ न था, 
शेख़ जी पारसा हो गए||

#निदा फ़ाज़ली




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